16 अप्रैल 2011
अस्ताना। कजाकिस्तान ने भारत के लिए छोटे परमाणु रिएक्टरों के निर्माण में दिलचस्पी दिखाई है जबकि भारत ने कहा है कि वह इस दिशा में एक व्यावहारिक अध्ययन करेगा। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने पांच दिनों की विदेश यात्रा के दूसरे चरण में शुक्रवार को कजाकिस्तान पहुंचे। इसके पहले मनमोहन सिंह ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका यानी ब्रिक्स देशों के तीसरे सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के दौरे पर थे।
एक अधिकारी ने भारतीय पत्रकारों को बताया कि कजाकिस्तान और भारत के बीच पहले से ही असैन्य परमाणु समझौता मौजूद है। लेकिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव के बीच अस्ताना में होने वाली बैठक में दोनों नेता परमाणु सहयोग के दिशा में सम्बंधों को और मजबूत बनाने के लिए एक दूसरे समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। अधिकारी ने बताया, "वे भारत में 235 मेगावाट की क्षमता वाले रिएक्टरों का निर्माण करना चाहते हैं और हम इस दिशा में सम्भावना तलाशन के लिए एक अध्ययन करेंगे।"
इन रिपोर्टों पर कि कजाकिस्तान भारत को संविर्धित यूरेनियम का निर्यात करना चाहता है, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सूत्र ने कहा कि भारत इस कदम का स्वागत करेगा। उल्लेखनीय है कि जनवरी 2009 में एक समझौता होने के बाद कजाकिस्तान भारत को यूरेनियम की आपूर्ति करता आ रहा है। उसके पास विश्व का दूसरा बड़ा यूरेनियम का संग्रह है। प्रधानमंत्री के यात्रा के दौरान दोनों देश हाइड्रोकार्बन के क्षेत्र में भी करार करेंगे।
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